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काशीपुर। 1 अक्टूबर 2024 उत्तराखंड सरकार के द्वारा भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय के माईनिंग चेक पोस्ट पूरे उत्तराखंड में खोले गए माईनिंग चेक पोस्टों पर खनन से भरे डंपरो तथा ओवरलोड,समेत रॉयल्टी आदि चेक की जाती है। मानक पूरे नहीं होने पर डंपर स्वामियों पर अधिक पेनल्टी डाली जाती है जिससे खनन व्यापारी परेशान और बेहाल हैं। माईनिंग चेक पोस्टों को बंद कराए जाने को लेकर खनन व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए चैती मेला प्रांगण में बड़ी संख्या में एकत्रित होकर उत्तराखंड सरकार से माईनिंग चेक पोस्टों को बंद कराए जाने के लिए चैती मोड़ से एक बड़ी रैली निकाल कर उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सोपा है।खनन व्यापारियों का आरोप है कि मीनिंग चेक पोस्टों पर बैठे कर्मचारी खनन के डंपरों में यदि 10 किलो खनन बालू भी फालतू होता है तो उस पर लाखों का जुर्माना लगा देते हैं।
खनन कारोबारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि डंपरों पर बार-बार जुर्माना लगने के कारण उनके डंपरों की मासिक किश्ते भी जमा नहीं हो पा रही हैं जिससे वह कर्ज में डूब गए हैं और मानसिक रूप से परेशान और बेहाल हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में खनन व्यापारियों ने कहा है कि उनके पास ट्रैक्टर ट्राली ट्रक डंपर है जिसे वह राहत बजरी तथा मिट्टी का कार्य करते हैं और अपने तथा अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा जब एक प्राइवेट कंपनी के द्वारा माइनिंग चेक पोस्ट खोले गए हैं तब से रोड पर डंपर ट्रैक्टर ट्राली चलने मुश्किल हो गए हैं क्योंकि जब भी वह बालू बजरिया मिट्टी का फेरा लेकर जाते हैं तभी उन्हें माइनिंग चेक पोस्ट वाले पकड़ लेते हैं 10 किलो वजन अधिक होने पर उनके वाहनों पर लाखों रुपए का जुर्माना लगा दिया जाता है। बता दें कि खनन व्यापारियों तथा भारतीय किसान यूनियन के द्वारा पहले चैती मेला प्रांगण में सुबह 10:00 बजे से है एकत्रित होकर एक महापंचायत की।
इस दौरान कोतवाली प्रभारी विक्रम सिंह राठौड़ पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे कोतवाली प्रभारी विक्रम राठौर ने किसान नेता तथा खनन व्यापारियों को काफी समझाने का प्रयत्न किया परंतु खनन व्यापारी बिल्कुल नहीं माने खनन व्यापारियों ने कहा कि वह नगर में अंदर प्रवेश नहीं करेंगे परंतु वह उपजिला अधिकारी कार्यालय तक जरूर जाएंगे और उप जिला अधिकारी के माध्यम मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे। इस मौके भारतीय किसान यूनियन के नेता जितेंद्र सिंह जीतू ने कहा कि सरकार के द्वारा माईनिंग चेक पोस्टों पर ऐसे लोगों को बैठा दिया गया है जो किसी की नहीं सुनते और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं। 5 किलो बालू या 10 किलो बजरी तथा 10 किलो मिट्टी वाहन में अधिक होने पर लाखों का जुर्माना लगाया जा रहा है जो कि सरासर गलत है।
उन्होंने कहा कि जो कार्य पहले उपजिला अधिकारी या तहसील प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन का होता था उस कार्य को सरकार के द्वारा प्राइवेट कंपनी को सौंप दिया गया है जिसका लाभ सीधे तौर पर प्राइवेट कंपनी मोटा मुनाफा कम कर कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले जुर्माना सरकार के खाते में जाता था अब जुर्माना प्राइवेट निजी कंपनी कमा रही है। खनन व्यापारी हरजीत सिंह ने कहा कि अब कार्य करना बड़ा ही मुश्किल हो गया है क्योंकि सरकार ने जब से एक निजी प्राइवेट कंपनी के द्वारा माइनिंग चेक पोस्ट खोले हैं तब से खनन व्यापारी परेशान और बेहाल हैं उनके वाहनों की किस्त तक समय पर जमा नहीं हो पा रही हैं जिससे वह कर्ज में डूब गए हैं। उन्होंने कहा कि इसका प्रभाव उनके कारोबार पर ही नहीं पड़ा है इसकी वजह से कोई गरीब आदमी अपना घर तक नहीं बन पाएगा क्योंकि रेटा,बजरी, यहां तक की मिट्टी के दाम भी इस समय आसमान छू रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि वह माईनिंग चेक पोस्टों को बंद कर दें अन्यथा वह प्रदेश भर में आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
संपादक: काशी क्रांति- हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र
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