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काशीपुर। 9 नवंबर 2024 उत्तराखंड बने 25 वर्ष हो गए हैं परंतु एक अलग राज्य होने के बावजूद भी प्रदेश में आज भी जनता की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा कहीं लोग नौकरियों के लिए परेशान हैं तो कहीं राजकीय ठेकेदार आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं परंतु सरकार का ध्यान उनकी तरफ बिल्कुल नहीं है उसी क्रम में रामनगर रोड स्थित होटल अनन्या में प्रदेश के राजकीय ठेकेदारों का एक दिवसीय विशाल एवं भव्य अधिवेशन संपन्न हुआ जिसमें लंबे समय से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे ठेकेदारों का दर्द छलक उठा और उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मार्मिक गुहार लगाई कि वें उनकी समस्याओं का निदान कराए। ऐसा न होने की स्थिति में प्रदेश के नक्शे में विकास के रंग भरने वाले राज्य के ठेकेदार जो पहले से ही भयंकर आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और बुरे दौर मे पहुंच जाएगें क्योंकि लंबे समय से सरकार उनसे विकास कार्य तो करा रही है मगर उनका भुगतान नहीं हो पा रहा है। स्थिति यह उत्पन्न हो गई है कि ठेकेदार बैंकों से लिए कर्ज की किस्ते तक नहीं दे पा रहे। किराए पर लेकर जो जेसीबी प्रयोग में लाई जाती है उसका किराया तक नहीं दिया जा रहा। और तो और बच्चों की फीस और घर – गृहस्थी के दूसरे खर्चों के लिए भी संकट खड़ा हो गया है। आज के अधिवेशन में निर्णय लिया गया की 25 तारीख तक अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो प्रदेश में चल रहे सभी विकास कार्यों को रुकवा दिया जाएगा और ठेकेदारों की हड़ताल फिर शुरू हो जाएगी।
काशीपुर कॉन्टैक्टर वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित देवभूमि ठेकेदार कल्याण समिति उत्तराखंड का यह सम्मेलन प्रातः 10 बजे शुरू हुआ और दो पारियों में संपन्न हुआ जिसमें मांग पत्र के सभी 11 बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई और भावी रणनीति पर विचार हुआ। अधिवेशन के विशिष्ट अतिथि लैंसडाउन से भाजपा विधायक दिलीप सिंह रावत रहे जिन्होंने कहा कि राज्य के ठेकेदारों की मांगे न्याय संगत है जो शीघ्र ही पूरी होनी चाहिए और इस संबंध में वह खुद भी अपनी सरकार से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं ठेकेदारों की तरफ से एक डाकिए का काम करूंगा और आपकी समस्याओं का मांग पत्र सरकार तक अवश्य पहुंचाएगा। मुझे उम्मीद है कि माननीय मुख्यमंत्री आपकी समस्याओं का अवश्य समाधान करेंगे। ठेकेदारों का आंदोलन काफी समय से चल रहा है जिससे विकास कार्य भी प्रभावित हैं और ठेकेदार भी बहुत परेशान है लिहाजा प्रदेश के हित में ठेकेदारों की मांगे स्वीकार कर आंदोलन समाप्त कराया जाना चाहिए। भाजपा विधायक श्री रावत का कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर देवभूमि ठेकेदार कल्याण समिति के अध्यक्ष गोविंद सिंह पुंडीर महासचिव राजेंद्र सिंह कुंवर संरक्षक रतन मनी भट्ट, प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मेहरा हीरा बल्लभ भट्ट काशीपुर की निवर्तमान मेयर श्रीमती उषा चौधरी कार्यक्रम के आयोजक और काशीपुर कान्ट्क्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलेंद्र चौधरी, महासचिव मुकेश गोयल, गौरव चौधरी, उपाध्यक्ष साजिद नदीम, प्रदेश संगठन मंत्री देवेंद्र पाल सिंह, , प्रदेश सचिव देवेंद्र पाल सिंह नेगी कोषाध्यक्ष आशीष रावत घनसाली के अध्यक्ष प्यारे सिंह बिष्ट, देहरादून प्रांतीय खंड के अध्यक्ष सुनील चंदेला, विधिक सलाहकार पूरन सिंह मेहरा, हल्द्वानी के अध्यक्ष योगेश तिवारी, कार्यक्रम के संचालक एवं रामनगर अध्यक्ष हरमिंदर सिंह आनंद, कुमाऊं संयोजक जगदीश प्रसाद भट्ट आदि ने गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया। अधिवेशन शुरू होने से पूर्व अल्मोड़ा के पास हुए भयंकर बस हादसे में दिवंगत हुए लोगों को 2 मिनट का मौन रखकर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। अधिवेशन के उपरांत पत्रकारों से वार्ता करते हुए संगठन के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह पुंडीर एवं महामंत्री राजेंद्र सिंह कुंवर ने कहा कि संगठन द्वारा लंबे समय से राज्य के ठेकेदारों की मांगों के लिए संघर्ष किया जा रहा है मगर दुर्भाग्य से आज तक समाधान नहीं हुआ। गैरसैण में हुए विधानसभा अधिवेशन में जाते हुए सभी विधायकों का माल्यार्पण कर अपना मांग पत्र सौंप कर अनुरोध किया गया था कि वे सदन में उनकी मांगों को उठाएं मगर कुछ नहीं हुआ। हां मुख्यमंत्री ने एक बार कहा कि देहरादून आकर वार्ता करें मगर अभी तक उस वार्ता के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से समय ही नहीं मिल पाया। मुख्यमंत्री ने अपने सचिव तथा गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे को निर्देशित किया था कि वह ठेकेदारों की समस्याओं का समाधान करें। देहरादून के संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रत्यूष कुमार की अध्यक्षता में एक बैठक भी हुई और उसके अलावा गढ़वाल मंडल आयुक्त के साथ भी कई दौर की रचनात्मक वार्ता हो चुकी है और उन्होंने मांगों को जायज बताते हुए समाधान हेतु 15 दिन का समय भी मांगा था मगर वह अवधि भी समाप्त हो चुकी है लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। प्रदेश अध्यक्ष श्री पुंडीर ने कहा कि उत्तराखंड यहां के लोगों के लिए बना था मगर स्थानीय लोगों के विकास को कोई प्रमुखता नहीं दी जा रही जिस कारण पहाड़ से पलायन हो रहा है। यदि स्थानीय ठेकेदारों को छोटे-छोटे टेंडर देकर काम कराया जाए तो पहाड़ पर रहने वाले लोगों को भी रोजगार मिलेगा और प्लायन रोकने में भी मदद मिलेगी। साथ ही विकास कार्य भी तेजी से पूरे होंगे। 10 करोड़ तक के काम उत्तराखंड के ठेकेदारों को दिए जाएं मगर ऐसा नहीं हो रहा और छोटे ठेकेदारों को काम देने के बजाय प्रदेश से बाहर की कंपनियों को बड़े-बड़े ठेके दिए जा रहे हैं जिस कारण उत्तराखंड के छोटे ठेकेदार पल्लेदार बनकर रह गए हैं और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जटिल होने से ठेकेदार बेहद परेशान है। सरकारी विभागों में आपसी समन्वय न होने के कारण ठेकेदारों की समस्याएं उलझी पड़ी है कोई विभाग कुछ कहता है तो कोई कुछ कहकर मामले को एक दूसरे पर टालता रहता है। श्री पुंडीर और श्री कुंवर ने राजकीय ठेकेदारों की समस्याओं के सभी 11 बिंदुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। अधिवेशन में काशीपुर और आसपास के शहरो के मीडिया द्वारा दिए गए सहयोग की प्रशंसा की गई। इस अधिवेशन की सबसे खास बात यह रही की उत्तराखंड बनने के बाद पहली बार कुमाऊं और गढ़वाल के राजकीय ठेकेदार एक मंच पर आए और एक दूसरे से उनकी पहचान हुई जिसके लिए काशीपुर कान्ट्क्टर वेलफेयर एसोसिएशन को साधुवाद दिया गया और अधिवेशन के शानदार व सफल आयोजन के लिए काशीपुर संगठन के अध्यक्ष कमलेंद्र चौधरी महासचिव मुकेश गोयल व उपाध्यक्ष साजिद नदीम सहित पूरी कार्यकारिणी का आभार जताया गया। वही काशीपुर कार्यकारिणी ने भी अधिवेशन में आए प्रदेश के सभी64 खंडों के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों , एवं सचिवों का आभार जताया। अधिवेशन में प्रदीप सिंह संतम सिंह नेगी प्रमोद मेहता बागेश्वर देवेंद्र चंद्र खटीमा ललित कंडवाल प्यारे सिंह बिष्ट योगेश तिवारी चंद्र मोहन सिंह गोपाल सिंह देव कमलेंद्र चौधरी सहित करीब 200 राजकीय ठेकेदारों ने भाग लिया और अपने विचार रखें।
संपादक: काशी क्रांति- हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र
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