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रिपोर्ट अली अकबर
काशीपुर। 11 जनवरी 2021 नगर निगम के द्वारा नगर निगम क्षेत्र में कराए जा रहे कार्यों के संबंध में जब आम आदमी पार्टी नेता दीपक वाली ने चल रहे निर्माण कार्य के संबंध में टेंडरों की प्रतियां नगर निगम के जई से लेकर मौके का मुआयना किया तब हकीकत कुछ अलग ही सामने आई। बता दें कि यह घोर आश्चर्य नहीं तो क्या है कि मौके पर निर्माण कार्य हो रहा है मगर नगर निगम के जेई को न तो इसकी कोई जानकारी है और ना ही यह पता है कि इस कार्य का कोई टेंडर हुआ भी है या नहीं सूचना मिलने पर जब आप नेता दीपक बाली नगर निगम पहुंच गए तो उन्हें अथक प्रयासों के बाद जे0ई ने वर्क आडर की जो प्रतिलिपि दी उस पर ना तो कोई तारीख पड़ी है और न ही किसी अधिकारी के हस्ताक्षर ।मौके पर मिली निर्माण सामग्री की ईटे भी ऐसी कि जो उठाते ही खुद ही टूट गई ।यह सब देखकर मौके पर मौजूद लोग खुद बोल उठे कि काशीपुर नगर निगम की अंधेर गर्दी का तो बस भगवान ही मालिक है।
हुआ यूं कि एक जागरूक नागरिक ने आप नेता दीपक बाली को फोन कर अवगत कराया कि श्री बांसियों वालेशिव मंदिर के पास नगर निगम द्वारा बगैर टेंडर किए नाले का निर्माण कराया जा रहा है। फोन करने वाले ने एक वीडियो भी भेजी जिसमें नगर निगम के जेई उससे यह कहते सुने जा रहे हैं कि उन्हेंन तो नाले के हो रहे निर्माण के बारे में कोई जानकारी है। और न नाले के टेंडर के बारे में आप नेता श्री बाली जब नगर निगम पहुंचे तो उन्हें वहां मेयर महोदया सहित कोई अधिकारी नहीं मिला ।संबंधित जेई ने पहले तो नाले के संबंध में टाल-मटोल की लेकिन बाद में करीब दस लांख रूपये के कार्यों के वर्क आर्डर की प्रतिलिपि दिलवा दी जिस पर न कोई तारीख अंकित है। और न किसी अधिकारी के हस्ताक्षर भी नही है। श्री बाली नाला निर्माण स्थल पर पहुंचे तो उस समय दंग रह गए। जब भगवान के घर के सामने भी लगाई जा रही कुछ ईटे तो छूने भर से टूट गई और नाला भी ऐसा आधा अधूरा बन रहा है। कि आधी बस्ती उसके पानी से जल मग्न रहा करेगी ।इस मौके पर पत्रकार भी मौजूद थे। उनके सवालों का जवाब देते हुए श्री बाली ने वर्क आर्डर की प्रतिलिपि को संदिग्ध बताया ।उन्होंने कहा कि निसंदेह अत्यंत आवश्यक होने पर नगर निगम को ढाई लाख रुपए तक के निर्माण कार्य कराने का अधिकार है। लेकिन विभिन्न कार्यों को जोड़ जोड़ कर 10 लांख रुपए का वर्क आर्डर जारी किया जाना संदेह जनक है।
और मौके पर चल रहा नाला निर्माण काफी कीमत का प्रतीत हो रहा है।नाला निर्माण सामग्री की गुणवत्ता का कोई बोर्ड भी मौके पर नहीं जो होना चाहिए। ताकि जनता निर्माण सामग्री का अवलोकन कर सकें। श्री बाली ने खुला आरोप लगाया है कि हकीकत यह है। कि बड़े-बड़े कामों को टुकड़ों में बांटकर कराया जा रहा है। ताकि उनकी लागत एक बार में ढाई लाख से अधिक की ना हो और उस काम को बगैर टेंडर के केवल वर्क आर्डर द्वारा कई हिस्सों में करा कर बंदरबांट किया जा सके । श्री वाली ने प्रश्न उठाया कि जब कॉलोनी आगे तक है। तो फिर नाला पीछे तक क्यों बनाया जा रहा है।तस्वीरों में साफ है कि आधी आबादी को छोड़ दिया गया है। जो आए दिन पानी भरने से परेशान रहा करेगी बाद में इसी नाले को फिर आगे तक वर्क ऑर्डर द्वारा कराया जाएगा इससे निगम की नियत पर शक होना स्वाभाविक है क्योंकि यह जनता के पैसे की बंदरबांट है।निगम के जेई द्वारा पहले नाला निर्माण और उसके टेंडर के बारे में अनभिज्ञता जताना और बाद में वर्क ऑर्डर की कॉपी दे देना अपने आप में पूरे मामले के संदिग्ध होने की सारी कहानी बयां कर रहा है।
संपादक: काशी क्रांति- हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र
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