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काशीपुर। 26 फरवरी 2021 कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों ने केंद्र सरकार को संदेश देने के लिए अपनी खड़ी फसलों को जोतना शुरू कर दिया है किसानों का कहना है। कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस ले और एमएसपी पर केंद्र सरकार फुल गारंटी दे। तभी किसान अपना विरोध प्रदर्शन खत्म करेंगे। नहीं तो किसान अपनी खड़ी फसलों को जोत देंगे। जिससे लोगों को दो वक्त का खाना भी उपलब्ध नहीं हो सकेगा। क्योंकि जब किसान फसल का आनाज ही नहीं उगाएगा। फसलें नष्ट कर देगा तो अनाज मंडी तक नहीं पहुंच आएगा। जिससे देश भूखमरी की तरफ अग्रसर हो सकता हैं। गरीब व्यक्तियों से लेकर हर तबके का व्यक्ति दो वक्त के खाने के लिए तरसने को मजबूर हो जाएगा। यह संदेश देते हुए कि केंद्र सरकार कृषि विधेयक बिलो को तत्काल प्रभाव से वापस ले आज बांसखेड़ा खुर्द के एक किसान अवतार सिंह ने अपनी गेहूं की 5 एकड़ भूमि तथा सब्जी की 1 एकड़ फसल को ट्रैक्टर के द्वारा जोत डाला है। इसके अलावा एक और अन्य गांव के ही किसान ने अपनी 6 एकड़ की गेहूं की फसल को नष्ट कर दिया।
इस दौरान किसान अवतार सिंह से खेती की खड़ी गेहूं की फसल तथा सब्जी की फसल को जोतने का कारण पूछा गया तो अवतार सिंह ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश की पार्लियामेंट के अंदर अपने अभिभाषण के दौरान कहा कि दिल्ली के बॉर्डर पर जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। वह किसान नहीं है बल्कि परजीवी हैं उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को यह संदेश देने के उद्देश्य से की सीमाओं पर बैठा किसान परजीवी नहीं है। वह किसान हैं उन्होंने अपनी 5 एकड़ गेहूं की फसल तथा 1 एकड़ सब्जी की फसल को ट्रैक्टर से जोत दिया है। और उन्होंने कहा कि परजीवी किसान नहीं है बल्कि देश की पार्लियामेंट है देश के प्रधानमंत्री हैं देश का प्रशासनिक अमला है क्योंकि भारतवर्ष के अंदर 60% किसान हैं और 30% गरीब वर्ग जिसको किसान रोजगार देता है। और उन्होंने कहा कि करीब 100% देश की जनता को किसान दो वक्त के खाने के लिए राशन उगाकर कर देता है। उन्होंने कहा कि देश की जनता के टैक्स से वसूले गए 10 लाख करोड़ रुपयों से प्रशासनिक अन्य लोगों को वेतन दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि 94 दिन से दिल्ली के बॉर्डर पर किसान तीन कृषि बिलो को वापस लेने को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा यदि तीनों कृषि विधेयक बिल वापस नहीं लिए गए। और एमएससी पर गारंटी की जिम्मेदारी नहीं दी गई। तो किसान आगे इस से भी बड़े कदम उठाएंगे। तो वही इस संबंध में भारतीय किसान यूनियन के नेता बलविंदर जीत संधू से वार्तालाप हुई तो उन्होंने बताया कि किसान आक्रोश में है और वह किसानों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं की खड़ी फसल कोई भी ना जोते क्योंकि फसल को किसान औलाद की तरह परवरिश करता है उन्होंने कहा कि उनके द्वारा अवतार सिंह को भी समझाने का प्रयास किया गया और भी किसान नेता थे जिनके द्वारा समझाने पर बाकी फसल जोतने नहीं दी गई है।
संपादक: काशी क्रांति- हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र
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