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काशीपुर। 13 जून 2021 वर्षों के अपने राजनीतिक करियर में इंदिरा हृदयेश ने उत्तराखंड की राजनीति को कई नए मुकाम दिए और प्रदेश में काफी कुछ विकास के काम किए, खासकर कुमाऊं मंडल में उनको मदद का मसीहा माना जाता रहा है। इन शब्दों के साथ अति वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री डा. इंदिरा हृदयेश को शोक श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य डा. दीपिका गुड़िया आत्रेय ने कहा कि इंदिरा हृदयेश के राजनीतिक सफर पर नजर डालें तो 1974 में उत्तर प्रदेश के विधान परिषद में पहली बार चुनी गईं जिसके बाद 1986, 1992 और 1998 में इंदिरा हृदयेश लगातार चार बार अविभाजित उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए चुनी गईं। वर्ष 2000 में अंतरिम उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी बनीं और प्रखरता से उत्तराखंड के मुद्दों को सदन में रखा। वर्ष 2002 में उत्तराखंड में जब पहले विधानसभा चुनाव हुए तो हल्द्वानी से विधानसभा का चुनाव जीतीं और नेता प्रतिपक्ष बन विधानसभा पहुंचीं जहां उन्हें एनडी तिवारी सरकार में संसदीय कार्य , लोक निर्माण विभाग समेत कई महत्वपूर्ण विभागों को देखने का मौका मिला। एनडी तिवारी सरकार में इंदिरा का इतना बोलबाला था।

कि कि उन्हें सुपर मुख्यमंत्री तक कहा जाता था उस समय तिवारी सरकार में ये प्रचलित था कि इंदिरा जो कह दें वह पत्थर की लकीर हुआ करती थी। वर्ष 2007 से 12 के टर्न में इंदिरा हृदयेश चुनाव नहीं जीत सकीं लेकिन 2012 में एक बार फिर वह विधानसभा चुनाव जीतीं और विजय बहुगुणा तथा हरीश रावत सरकार में वित्त मंत्री व संसदीय कार्य समेत कई महत्वपूर्ण विभाग इंदिरा हृदयेश ने देखे। वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में इंदिरा ह्रदयेश एक बार फिर हल्द्वानी से जीतकर पहुंचीं। कांग्रेस विपक्ष में बैठी तो नेता प्रतिपक्ष के रूप में इंदिरा हृदयेश को पार्टी का नेतृत्व करने का मौका मिला. इंदिरा हृदयेश एक मजबूत इरादों की महिला कहीं जाती रही हैं और उन्हें उत्तराखंड की राजनीति की आयरन लेडी भी कहा जाता रहा। शोकाकुल दीपिका गुड़िया ने कहा कि वे मेरी माँ जैसी थीं। इस दुनिया से उनका जाना न सिर्फ़ राजनीतिक और सामाजिक क्षति है बल्कि मेरे लिए यह पारिवारिक नुक़सान है। मेरे पिता स्व. श्री सत्येन्द्र चंद्र गुड़िया एवं माता श्रीमती विमला गुड़िया से उनके बेहद निकट व आत्मीय संबंध रहे। जिन्हें वे मधुर स्मृतियों के रूप में अक्सर याद करतीं थीं । वे समस्त महिलाओं एवं युवतियों के साथ ही हर कर्मशील युवा का आदर्श थीं। उनका वात्सल्यमयी व्यवहार हमेशा मेरी स्मृतियों में जीवंत रहेगा और मेरा मार्गदर्शन करेगा। उनके निधन से स्तब्ध हूं और सिर्फ इतना ही कहना चाहती हूं उत्तराखंड में आज एक ऐसी सशक्त राजनीतिक हस्ती का अवसान हुआ है जिसकी भरपाई शायद कभी नहीं हो सकेगी।

By Ali Akbar

संपादक: काशी क्रांति- हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र

मुख्य कार्यालय– इस्लामनगर, बसई चौक, थाना कुंडा, काशीपुर, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड 244713 सम्पर्क सूत्र– 99279 76675

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