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नई दिल्ली। 22 जुलाई 2021 केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों का देशभर के किसान दिल्ली के संधू बॉर्डर से लेकर अन्य बॉर्डर पर डेरा डाले हुए कृषि कानूनों को तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाने की लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। किसान आज जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दीया है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 9 अगस्त तक अधिकतम 200 किसानों को प्रदर्शन की अनुमति दी है. किसान आंदोलन को लेकर दिल्ली पुलिस ने भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े इंतजाम किए हैं। तो वहीं किसानों ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन को किसान संसद का नाम दिया है।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि ‘किसानों को जंतर-मंतर पर कुछ शर्तों के साथ परमिशन दी गई है। 200 किसानों का एक समूह पुलिस की सुरक्षा के साथ बसों में सिंघु बॉर्डर से जंतर-मंतर आएंगे और सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक विरोध प्रदर्शन करेंगे।
कोरोना नियमों के लिए देना होगा शपथपत्र
दिल्ली पुलिस ने आगे जानकारी दी कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा को इस बारे में एक शपथपत्र देने के लिए कहा गया है कि सभी कोविड नियमों का पालन किया जाएगा और आंदोलन शांतिपूर्ण होगा.’
इसी के साथ संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि ‘संसद का मॉनसून सत्र यदि 13 अगस्त को समाप्त होगा तो जंतर-मंतर पर उनका विरोध प्रदर्शन भी अंत तक तक जारी रहेगा। हालांकि उपराज्यपाल ने 9 अगस्त तक प्रदर्शन की अनुमति दी है.’
दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच इन शर्तों पर दी गई अनुमति
200 किसान बसों के जरिए जंतर-मंतर पहुंचेंगे और जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे।
किसानों की बस बकायदा पुलिस निगरानी में जंतर-मंतर जाएगी।
किसान सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर जंतर-मंतर पहुंचेंगे।
किसानों को जंतर-मंतर पर चर्च साइड शांतिपूर्ण तरीके से बैठाया जाएगा।
किसानों के बसों को जंतर-मंतर पर सुलभ शौचालय और साउथ इंडियन खाने की शॉप के आसपास खड़ा करवाया जाएगा।
जंतर मंतर और किसानों की सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की 5 कंपनियां जंतर-मंतर पर तैनात की जाएंगी।
एक कंपनी में करीब 65 फोर्स के जवान शामिल होंगे।
इसके अलावा आई-कार्ड चेकिंग और बैरी कटिंग की भी पूरी व्यवस्था की जाएगी।
कोविड नियमों का पालन करते हुए सुबह 11 बजे से लेकर शाम के 5 बजे तक किसान संसद चलेगी।
शाम 5 बजे किसान अपना प्रदर्शन खत्म कर वापस सिंघु बॉर्डर लौट जाएंगे। बता दें कि इसी साल 26 जनवरी को एक ट्रैक्टर रैली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में बड़ी हिंसा के बाद यह पहली बार है। जब संयुक्त किसान मोर्चा को शहर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई है। क्योंकि गणतंत्र दिवस के दिन कृषि कानून के खिलाफ किसान ट्रैक्टर रैली को लेकर पुलिस बैरिकेडिंग तोड़कर सेंट्रल दिल्ली में जबरन घुस गए थे। और लाल किले पर अपना झंडा फहरा दिया था। इसी दौरान किसानों ने कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन भी किया था।
संपादक: काशी क्रांति- हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र
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