Share This Story !

काशीपुर राजकीय चिकित्सालय में उपचार के लिए जा रहे मरीजों को कोरोना वायरस की जांच कराना अनिवार्य कर दिया गया है जबकि प्रदेश सरकार द्वारा ऐसे कोई भी आदेश सरकारी राजकीय चिकित्सालय को नहीं दिए गए हैं परंतु अस्पताल में पर्चा बनवाने से पूर्व जांच कराना अनिवार्य कर दिया है जिससे आम लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और मरीज अस्पताल में उपचार कराए बिना ही निजी हॉस्पिटलों का रुख कर रहे हैं जिससे अस्पताल को राजस्व का भी बड़ा नुकसान होने की संभावना है बता दें कि अस्पताल से प्रतिदिन मरीजों की शिकायतें मिल रही थी के अस्पताल में कंप्यूटर ऑपरेटर मरीजों को पर्चा बनाने से पहले कुरौना की जांच करवाने के बाद ही उसका पर्चा बनाया जाएगा जिस पर  पत्रकार अली अकबर द्वारा एलटी भट्ट राजकीय चिकित्सालय में कंप्यूटर ऑपरेटर मुकेश से मरीज का पर्चा बनने से पूर्व कोरोनावायरस जांच कराने के मामले में जब जानकारी दी गई तो उसने बताया कि उसे अस्पताल से निर्देश मिले हैं कि जब तक मरीज अपनी कोरोना वायरस की जांच नहीं करा ले तब तक मरीज का पर्चा बनाकर ना दिया जाए इस संबंध में जब चिकित्सा अधीक्षक पीके सिन्हा से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि उनके द्वारा कोई दिशा निर्देश नहीं दिए गए हैं

उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से मरीज को एडवाइज दी जाती है कि वह अपनी करोना वायरस की जांच करा लें अगर मरीज जांच नहीं कराना चाहता तो उसका पर्चा बनाया जाएगा अब सोचने वाली बात यह है कि क्या कंप्यूटर ऑपरेटर अपनी इच्छा से मरीजों की कुरौना वायरस जांच करवा रहा है या फिर चिकित्सा अधिकारी झूठ बोल रहे हैं जबकि राज्य सरकार द्वारा अस्पतालों को कोई भी ऐसे दिशा निर्देश नहीं दिए गए हैं जिससे कि मरीज को कोई असुविधा हो जिस मरीज को कोई दिक्कत होती है तो वह अपनी जांच स्वयं अस्पताल पहुंचकर करवा लेता है राजकीय चिकित्सालय के इस रवैया से मरीज काफी परेशान है और वह निजी चिकित्सालयों का रुख कर रहे हैं मरीजों का कहना है कि जिसने 10 दिन पूर्व ही अपना कुरौना वायरस टेस्ट कराया है उसे अगर कोई दिक्कत होगी तो वह फिर से करा लेगा परंतु अस्पताल में करोना वायरस जांच अनिवार्य करने से मरीज परेशान है तो वही प्रसव पीड़ा के लिए महिलाएं भी एलटी भट्ट राजकीय चिकित्सालय आने से कतरा रहे हैं महिला हेल्प डेस्क पर तैनात शशि बाला तथा स्नेह लता चौहान से जब इस संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि जब से राजकीय चिकित्सालय में पर्चा भरने से पहले कुरौना वायरस जांच अनिवार्य की गई है तब से अस्पताल में गर्भवती महिलाएं आने से कतरा रही हैं उन्होंने बताया कि आशाएं गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में दिखाने के लिए लेकर आती हैं परंतु जब पर्चा बनवाने से पहले उनकी कोरोना वायरस जांच के बारे में कहा जाता है तो वह अस्पताल से ही वापस लोट जाती हैं उन्होंने कहा कि वह गर्भवती महिलाएं सरकारी अस्पताल के बजाए प्राइवेट अस्पतालों का रुख कर रही हैं ने बताया कि जांच अनिवार्य करने से आशा कार्यकर्ताओं को भी बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तो वही समझ में जब जानकारी नोडल अधिकारी अमरजीत सिंह साहनी से ली गई तो उन्होंने कुछ भी बताने से साफ इनकार कर दिया

By Ali Akbar

संपादक: काशी क्रांति- हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र

मुख्य कार्यालय– इस्लामनगर, बसई चौक, थाना कुंडा, काशीपुर, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड 244713 सम्पर्क सूत्र– 99279 76675

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *