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संपादकीय

अली अकबर

काशीपुर। 2 फरवरी 2022 यह तो अक्सर सुनने को मिलता रहता था कि पत्रकारों ने किसी का स्टिंग कर दिया परंतु आपने यह नहीं सुना होगा कि कुछ राजनीतिक पार्टियों से जुड़े किसी नेता ने कुछ पत्रकारों का ही स्टिंग कर दिया। राजनीति गंदी होती है परंतु इतनी गंदी होती है कि राजनीति से जुड़े लोग अपना वर्चस्व बनाने के लिए दूसरों को अपने सामने उभरने ना देने के चलते पत्रकारों को भी राजनीति का शिकार बना दिया देते है। यह समझ से परे हो रहा है स्टिंग के बाद वीडियो को ठीक चुनाव के पहले वायरल करना यह दर्शा रहा हैं जैसे किसी व्यक्ति को राजनीति के स्तर से नीचे गिरा रहे हो। वीडियो बनाने वाले शख्स ने यह भी नहीं सोचा कि जिस वीडियो को वह बना रहा है। और जिस नेता का वीडियो वह बना रहा है वह नेता किन व्यक्तियों से बातचीत कर रहा है।

जिस तरह से अधूरी वीडियो को वायरल कर एक नेता की राजनीतिक छवि को धूमिल करने का कार्य किया है। तो वही पत्रकारों की भी छवि पर कीचड़ उछालने का कार्य किया है। आपने सुना होगा कि अगर पत्रकार किसी का स्टिंग कर देता है और वीडियो वायरल करता है तो उस पर समाज के लोग तरह तरह की टिप्पणियां करते हैं और पत्रकार की छवि पर भी कहीं ना कहीं बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। चर्चा होती है कि एक पत्रकार ने कितना घिनौना कृत्य किया कि एक व्यक्ति का स्टिंग बनाकर वायरल कर दिया क्या समाज को इस प्रकरण पर विचार नहीं करना चाहिए जिस व्यक्ति ने भी अधूरा वीडियो वायरल किया है। क्या समाज को उसके बारे में नहीं सोचना चाहिए कि उसके द्वारा किया गया कृत्य सही है। या गलत इसका निर्णय तो जनता को ही लेना होगा और सोचना होगा कि आखिर यह चुनाव से ठीक पहले ही वायरल क्यों की गयी। क्या यह राजनीतिक षड्यंत्र नहीं है

पत्रकार इस वीडियो से कितने आहत हुए इसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। मैं समझता हूं कि जब पत्रकार इस वीडियो से इतने आहत हुए तो जिस व्यक्ति ने 1 वर्ष में राजनीति में अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया। उस नेता के ऊपर आज क्या बीत रही होगी। आज जिस प्रकार से वीडियो को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है। आखिर वीडियो वायरल करने वाले ने पूरी वीडियो वायरल क्यों नहीं की। यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। क्या उनका उद्देश्य किसी को राजनीतिक चोट पहुंचाना था या पत्रकारों छवि को धूमिल करना था अक्सर सुनने में आता था। कि पत्रकारों ने आज किसी की स्टिंग वीडियो बना ली परंतु ऐसा पहली बार हुआ है कि यहां कुछ राजनीति करने वाले नेता के साथ पत्रकारों को भी स्टिंग में शामिल कर लिया हो और वीडियो को वायरल कर दिया हो। क्या इस प्रकरण को ब्लैक मेलिंग से जोड़कर देखा जा सकता है। आखिर वीडियो बनाने वाले की मंशा क्या थी और किस मंशा से उसने वीडियो वायरल किया यह रहस्यमय बना हुआ है। फिलहाल वायरल वीडियो प्रकरण में आज एक राजनीतिक दल के नेता ने प्रेस वार्ता कर पत्रकारों से वायरल वीडियो को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करना बताया है। उन्होंने बताया है कि वायरल वीडियो आगे और पीछे दोनों साइड से कट मारकर वायरल की गई है। जोकि एकदम गलत है जनता को गुमराह करने के लिए राजनीतिक दलों के द्वारा किया गया है। उन्होंने दोनों राजनीतिक पार्टियों पर षड्यंत्र का आरोप लगाया है वीडियो वायरल प्रकरण में उपरोक्त नेता की तरफ से कोतवाली में तहरीर सौंप कर कार्यवाही की भी मांग की गई है।

By Ali Akbar

संपादक: काशी क्रांति- हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र

मुख्य कार्यालय– इस्लामनगर, बसई चौक, थाना कुंडा, काशीपुर, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड 244713 सम्पर्क सूत्र– 99279 76675

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