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काशीपुर। 22 अगस्त 2022 उत्तराखंड के किसानों का धान खरीदना पहली प्राथमिकता में उत्तर प्रदेश के किसानों का भी खरीदा जाएगा धान। अनाज मंडी समिति में किसान विकास क्लब की ओर से मासिक बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान किसानों ने धान की खरीद को लेकर एवं अक्टूबर माह की फसल की धान खरीद का 700 करोड़ रुपिया सरकार द्वारा भुगतान नहीं किए जाने एवं सरकार द्वारा किसानों के पंजीकरण में खसरा ना लगाए जाने को लेकर एवं किसानों के अन्य मुद्दों को लेकर भी चर्चा की गई। बता दें कि
सोमवार को मुरादाबाद रोड स्थित नवीन अनाज मंडी गेस्ट हाउस में क्लब प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में। भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र कुमार जीतू, दोनों ही यूनियनों के पदाधिकारियों एवं किसानों ने धान की बिक्री को लेकर चर्चा की। इस मौके पर मुख्य अतिथि कुमाऊं मंडल (रिजनाल फूड कारपोरेशन) के अधिकारी आरएफसी बीएस चलाल ने किसान पंजीकरण वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। एसएमआई दिनेश आर्य ने कहा कि यह वाहन काशीपुर क्षेत्र में गांव-गांव जाकर किसानों का पंजीकरण करेगा।इसके बाद क्लब की बैठक में आरएफसी चलाल ने कहा कि यह प्रक्रिया 30 सितंबर तक चलेगी।
किसान अपना पंजीकरण एसएमआई काशीपुर से भी करा सकते हैं। उन्होंने सरकारी धान खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए किसान एवं राइस मिलर्स से सहयोग की अपील की। इस दौरान किसानों ने धान खरीद पंजीकरण को लेकर कहां की पंजीकरण में खसरा नहीं लगाया जाना चाहिए क्योंकि पटवारी किसान को खसरा आसानी से नहीं देते हैं जिससे किसान को अनाज तोल में दिक्कतें आएंगी। उन्होंने कहा कि हर किसान की अपनी खतौनी है और खतौनी के आधार पर ही उनके धान की मंडी में तोल होनी चाहिए। किसानों ने कहा कि पिछली बार किसानों का धान तोल में बड़ी दिक्कत आई थी वह दिक्कते आई थी इस बार नहीं आनी चाहिए। राइस मिल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सचिन गोयल ने अपना सुझाव रखते हुए कहा कि पूर्व में किसान और राइस मिलर्स एसोसिएशन की तरफ से तहसील में कैंप के माध्यम से धान तोल किया जाता था परंतु वह प्रक्रिया बंद कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों का पंजीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में किसान अपना धान ट्रैक्टर ट्रालीयो में भरकर कब तक खड़ा रहेगा 1 दिन 2 दिन 3 दिन इन दिनो में धान का सारा माउचर खत्म हो जाता है। जिससे धान से निकलने वाला चावल का स्वाद भी बदल जाता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा अक्टूबर माह की धान तोल का लगभग 700 करोड़ रुपिया सरकार द्वारा किसानों का अभी तक नहीं दिया गया। साथ ही किसानों ने मांग करते हुए कहा कि एसएमओ कार्यालय में बैठकर किसानों की समस्या का निदान हो कैंप के माध्यम से तो वही आर एफ सी बीएस चलाल ने आश्वासन देते हुए कहा कि किसानों के धान खरीद को लेकर ही उत्तराखंड सरकार द्वारा किसानों का घर घर जाकर पंजीकरण कराया जा रहा है एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा की पहली प्राथमिकता में उत्तराखंड का किसान है जिसका सर्वप्रथम धान खरीदा जाएगा उसके बाद उत्तर प्रदेश से आने वाले किसानों का भी ध्यान खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के किसानो का उत्तराखंड में पंजीकरण नहीं कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि जरूरत के अनुसार अगर उत्तराखंड के किसानों का धान खरीद के बाद आवश्यकता पड़ने पर उत्तर प्रदेश के किसानों का धान खरीदा जाएगा। आगे उन्होंने कहा कि
जिले में एक बैठक का आयोजन किया जाएगा जिसमें जिला अधिकारी की अध्यक्षता में किसानों और राइस मिल एसोसिएशन को भी बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों ने जिन मुद्दों पर उनसे वार्तालाप की है वह उनके द्वारा बैठक में रख दिए जाएंगे और किसानों के धान तोल में कोई समस्या ना आए उसके लिए पूरा प्रयास किया जाएगा। इस मौके पर बैठक में राजवीर सिंह, विकास, अनिल राठी, रोशन सिंह, धर्म सिंह, स्वेतांशु चतुर्वेदी, राजू छीना, जितेंद्र सिंह जीतू, जोरावर सिंह, सुभाष शर्मा, संजय कुमार राजपूत, रमेश सपरा, अनुज शर्मा, अपूर्व मेहरोत्रा, राजवीर मिश्रा, विनोद चौधरी, दिलबाग सिंह, परमजीत सिंह, के अलावा तमाम किसान मौजूद रहे।
संपादक: काशी क्रांति- हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र
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