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काशीपुर। 10 सितंबर 2022 धूमधाम से समारोह पूर्वक मनाई भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी की 135 वीं जयंती बारिश के बीच स्टेशन रोड स्थित पंत पार्क में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी मनाई गई। जयंती समारोह में मुख्य अतिथि जस्टिस राजेश टंडन रहे मुख्य अतिथि ने पंत जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए उनका भावपूर्ण स्मरण किया। अपने संबोधन में जस्टिस टण्डन ने कहा कि पं. गोविंद बल्लभ पंत को देश के सबसे प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और एक कुशल प्रशासक के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने आधुनिक भारत के मौजूदा स्वरूप को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।
उन्होंने वर्ष 1937-1939 के बीच संयुक्त प्रांत के प्रीमियर, वर्ष 1946-1954 तक उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और वर्ष 1955-1961 तक केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में कार्य किया।
उन्हें वर्ष 1957 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया था। हमें उनके सिद्धांतों को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए।
जस्टिस टण्डन ने कहा कि काशीपुर को जिला बनाये जाने की 60 वर्षों से भी पुरानी मांग को पूरा कराने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। गोविंद बल्लभ पंत पार्क समिति ने प्रशासन से अपील की है कि पंत पार्क में सीसीटीवी कैमरे लगवाकर उसकी मॉनीटरिंग पुलिस से कराये जाने को एसपी से कहा, ताकि पार्क में नशेड़ी तत्वों पर नजर रखी जा सके। कार्यक्रम में उपस्थित मेयर उषा चैधरी ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद गोविंद बल्लभ पंत उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने। उन्होंने किसानों के उत्थान और अस्पृश्यता के उन्मूलन की दिशा में महत्त्वपूर्ण कार्य किया। भाजपा नेता आशीष गुप्ता, कांग्रेसी नेता अनुपम शर्मा तथा डा. दीपिका गुड़िया आत्रेय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए पंत जी के जीवनवृत्त पर प्रकाश डाला।
कहा कि गोविंद बल्लभ पंत का जन्म 10 सितंबर, 1887 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुआ था। जब वे 18 वर्ष के थे, तो उन्होंने गोपालकृष्ण गोखले और मदन मोहन मालवीय को अपना आदर्श मानते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्रों में एक स्वयंसेवक के रूप में काम करना शुरू किया। वर्ष 1907 में उन्होंने कानून का अध्ययन करने का निर्णय लिया और कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 1910 में उन्होंने अल्मोड़ा में वकालत शुरू कर दी और बाद में वे काशीपुर चले आए। यहां उन्होंने पहला मुकदमा कुंजबिहारी का लड़ा। काशीपुर में उन्होंने ‘प्रेम सभा’ नामक एक संगठन की स्थापना की, जिसने विभिन्न सामाजिक सुधारों की दिशा में काम करना शुरू किया।
काशीपुर का उदयराज कालेज भी उन्हीं की देन है। कार्यक्रम में लायंस क्लब काशीपुर ग्रेटर द्वारा रक्तदान शिविर लगाया गया, जिसमें तमाम लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया। कोरोना संक्रमण काल में चिकित्सा क्षेत्र में अपनी सेवाएं देने वाले लक्ष्मण दत्त भट्ट राजकीय चिकित्सालय के डॉ. शांतनु सारस्वत (अब दिवंगत) के योगदान को दृष्टिगत रखते हुए उनके परिजनों को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि समेत सभी अतिथिगण का पंडित गोविंद बल्लभ पंत स्मारक समिति के संयोजक दिलीप मेहरोत्रा व महामंत्री गौतम मेहरोत्रा ने बुके भेंट कर स्वागत किया।
उन्होंने पंत जी के द्वारा काशीपुर में शिक्षा एवं विधिक क्षेत्र में दिये गये अविस्मरणीय योगदान पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। समारोह में सामूहिक राष्ट्रगान, मूर्ति पर माल्यार्पण के साथ ही देशभक्ति गीत प्रस्तुत किये गए। कार्यक्रम में भारी बारिश के बीच क्षेत्रीय विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, विमल गुड़िया, दीपक बाली, अरूण चैहान, गगन काम्बोज, अलका पाल, गुरविंदर सिंह चंडोक, विकल्प गुड़िया, पंकज टंडन, गौतम मेहरोत्रा, अजय मेहरोत्रा, प्रीतम सिंह, राजीव यादव, खुशहाल सिंह, जितेन्द्र सरस्वती, मंसूर अली, मधु मेहरोत्रा, चक्रेश जैन, विजय सिंह चैधरी, डा. मंयक अग्रवाल, अमित मित्तल, प्रभात साहनी, मंयक शर्मा, अवनीश चैहान, जगमोहन सिंह गुंसाई, डा. यूनुस चैधरी, मनोज कौशिक, मुशर्रफ हुसैन, मौ. आकिब, अभिषेक गोयल, सुंदर लाल पाल, मौ. मियां भारती, टीका सिंह सैनी, यामीन, लेखराज सिंह, वेद प्रकाश विद्यार्थी, अनिल कुमार चैहान व बाबू राम, सुशील मेहरोत्रा आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन साबिर हुसैन ने किया।
संपादक: काशी क्रांति- हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र
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