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काशीपुर 13 अक्टूबर 2023 केंद्र एवं उत्तराखंड सरकार जहां प्रदेश की जनता को गुणवत्ता युक्त सरकारी संस्था गला देने के लिए प्रतिबद्ध है। तो वही सरकारी कर्मचारी उसको फलिता लगाते दिखाई दे रहे हैं। राशन की गुणवत्ता को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं की क्या यह है राशन इंसान खा सकते हैं या यह राशन पशुओं के उपयोग में आता है। ऐसा ही एक मामला वसई ग्राम पंचायत में सस्ता गल्ला चालक इस्लामनगर से जब ग्रामीण राशन लेने पहुंचे तो राशन देकर ग्रामीणों का गुस्सा चौथे आसमान पर पहुंच गया।

ग्रामीणों ने राशन लेने से सस्ता गल्ला चालक से इनकार कर दिया। बता दे की ग्राम इस्लामनगर बसई मैं सस्ता गला चालक की दुकान पर ग्रामीण लाइनों में लगे हुए राशन ले रहे थे कि इस दौरान जब सरकारी सस्ता गले के गेहूं के कट्टे खोले गए तोर गेहूं देखकर सब हैरान रह गए क्योंकि वह गेहूं खाने योग्य नहीं था बल्कि पशुओं के चारे के उपयोग में आने वाला गेहूं था जिसे देखकर ग्रामीण आक्रोशित होकर सस्ता गल्ला विक्रेता से ही झगड़ा करने पर उतारू हो गए।

हालांकि सस्ता गल्ला विक्रेता ने उपरोक्त गेहूं के कट्टों को एक तरफ रख दिया और ग्रामीणों को अगले दिन राशन वितरण करने के लिए कहा गया। अब सवाल यह उठता है कि जब केंद्र की सरकार और राज्य सरकार जनता को सरकारी सस्ता गला गुणवत्ता युक्त देने के लिए प्रतिबद्ध है तो सरकारी विभाग के कर्मचारी सरकार के आदेशों को ताक पर रखकर मनमानी तरीके से कार्य क्यों कर रहे हैं। अगर आप चावल की गुणवत्ता देखेंगे तो चावल में भी आधा खंडा मिला हुआ चावल गरीबों को दिया जा रहा है तो वही गेहूं में भी इतना कबाड़ मिला रहता है कि मानो कि वह गेहूं इंसानों के खाने में ना प्रयोग कर पशुओं के लिए दिया जा रहा हो। क्या यही उत्तराखंड सरकार की पॉलिसी है सरकार में बैठे जनप्रतिनिधियो का क्या यह दायित्व नहीं बनता कि वह समय-समय पर सस्ता गल्ला की दुकानों पर जाकर सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे राशन की जांच किया करें जिससे कि पता चले की सरकारी कर्मचारी जनता को किस तरह का राशन उन्हें उपलब्ध करा रहे हैं वह जनता के खाने योग्य है या नहीं। चावलों में भी मिलावट और गेहूं में भी और सरकार दावा कर रही की जनता को फ्री राशन दिया जा रहा है।इस प्रकरण के बारे में जब हमारी बातचीत नवीन मंडी काशीपुर में स्थित एफसीआई अधिकारी दिनेश कुमार से हुई तो उन्होंने बताया कि खराब गेहूं के कट्टे भूल बस राशन डीलर को चले गए हैं। जो गेहूं राशन डीलर को गया है वह सफाई कर्मियों के द्वारा भरा हुआ कचरा है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा राशन डीलर को दूसरे गेहूं के कट्टे दे दिए गए हैं।

By Ali Akbar

संपादक: काशी क्रांति- हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र

मुख्य कार्यालय– इस्लामनगर, बसई चौक, थाना कुंडा, काशीपुर, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड 244713 सम्पर्क सूत्र– 99279 76675

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