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काशीपुर 10 अक्टूबर 2024 गोविंद बल्लभ पंत विद्यालय की प्रबंधन समिति पर सवाल खड़े करते हुए अब भाजपा नेता विद्यालय के प्रधानाचार्य के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं।भाजपा नेताओं ने माता मंदिर रोड स्थित पूर्व विधायक के कार्यालय पर प्रेस वार्ता करते हुए गोविंद बल्लभ पंत विद्यालय की प्रबंधन समिति पर घोटालों का आरोप लगाते हुए प्रबंधन समिति को निरस्त किए जाने तथा नए सिरे से प्रबंधन समिति का गठन किए जाने की मांग की है। माता मंदिर रोड स्थित पूर्व विधायक राजीव अग्रवाल के कार्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए पूर्व विधायक राजीव अग्रवाल ने कहा कि गोविंद बल्लभ पंत विद्यालय की शिक्षा समिति को लेकर एक शिकायत उनके द्वारा माननीय मुख्यमंत्री को भेजी गई थी जिसकी जांच शिक्षा विभाग के द्वारा की जा रही है जांच में अपने आप को फसता हुआ देखते हुए गोविंद बल्लभ पंत विद्यालय की प्रबंधन समिति बौखलाहट में अर्गनल बयान बाजी कर रहे हैं।
तो वही भाजपा नेता राम मेहरोत्रा ने कहा कि पूर्व विधायक राजीव अग्रवाल जी के द्वारा मुख्यमंत्री जी को एक शिकायती पत्र गोविंद बल्लभ पंत विद्यालय की प्रबंध समिति के खिलाफ भेजा था उस पर जांच प्रशासन के द्वारा की जा रही है और विद्यालय प्रशासन को पता है की जांच उनके बिल्कुल ही खिलाफ है उन्होंने बताया कि 2 दिन पूर्व स्कूल के प्रधानाचार्य अजय शंकर कौशिक को स्कूल प्रशासन के द्वारा उनके साथ मारपीट की गई और प्रिंसिपल से जबरन हस्ताक्षर निलंबन पर करने का प्रयास किया गया जिसमें वह सफल नहीं रहे। उन्होंने कहा कि उनके ऊपर आरोप लगाए जा रहे हैं कि वह गोविंद बल्लभ पंत विद्यालय को हड़पना चाहते हैं जो की बिल्कुल गलत है वह ना तो समिति में है और ना समिति में होना चाहते हैं परंतु वह किसी के साथ गलत नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि प्रबंधन समिति ने करोड़ों रुपए का घोटाला कर रखा है और घोटाले के जांच से बचने के लिए वह प्रिंसिपल को प्रताड़ित कर रहे हैं। आगे उन्होंने कहा कि डॉक्टर नीरज अत्रे जो की एक वैज्ञानिक हैं वह स्कूल में जाकर प्रधानाध्यापक से अभद्र भाषा में बातचीत करते हैं। उन्होंने दीपिका गुड़िया आत्रे के स्कूल में टीचर होने पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं उन्होंने कहा कि जिस समय दीपिका गुड़िया आत्रे को स्कूल में टीचर बनाया गया उस समय उनके पिता समिति के अध्यक्ष थे जो कि नियम विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि जब गोविंद बल्लभ पंत स्कूल की स्थापना हुई थी उसे समय राम मोहन अग्रवाल प्रबंधक थे। और संस्थापक थे एवं आजीवन समिति के सदस्य थे उन्हें उनके द्वारा समिति से बिल्कुल निकाल दिया गया है जबकि नियम यह है कि उनके देहांत के बाद उनके परिवार में से किसी एक व्यक्ति को समिति में सदस्य बनाया जाना था।आगे उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा की सरकार गोविंद बल्लभ पंत विद्यालय की प्रबंधन समिति का चुनाव जिला अधिकारी की देखरेख में कराये और नए सिरे से नए सदस्य स्कूल प्रबंधन समिति के बनाए जाएं।आगे उन्होंने कहा कि स्कूल किसी की जागीर नहीं है और विद्यालय में समितियां बनती रहती हैं।
तो वहीं दीपिका गुड़िया आत्रे से इस मामले में जानकारी लेने पर कि उनके पिता जिस समय समिति के अध्यक्ष थे इस समय उन्हें गोविंद बल्लभ पंत कॉलेज में अध्यापक बनाया गया था इस सवाल के जवाब में दीपिका गुड़िया अत्रे ने कहा कि उसे समय उनके पिता भले ही स्कूल के अध्यक्ष थे परंतु उनका चयन शिक्षा विभाग के द्वारा उनके मैरिड के आधार पर किया गया था क्योंकि वह इतनी काबिल थी के इंटरव्यू में हर सवाल का जवाब उन्होंने दिया था। यह कहना की राम मोहन अग्रवाल जी की मृत्यु के बाद उनके परिवार से किसी व्यक्ति को समिति में सदस्य नहीं बनाया गया। उन्होंने कहा कि आज उदित अग्रवाल प्रेस वार्ता में बता रहे हैं कि उनके दादाजी गोविंद बल्लभ पंत विद्यालय के संस्थापक हैं। तो वह 20 वर्षों से कहां सो रहे थे पूर्व में उनके द्वारा स्कूल समिति को लिखित में क्यों नहीं दिया गया अगर वह समिति में आवेदन करते तो समिति विचार जरूर करती। अब वह खाली जनता को गुमराह कर रहे हैं।
संपादक: काशी क्रांति- हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र
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