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काशीपुर क्षेत्र में विकास कार्य ना होने के कारण क्षेत्र मैं सड़कों की हालात बद से बदतर है जबकि ओवर ब्रिज अभी तक अधर में ही पड़ा हुआ है जिससे जनता को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि कुंभकरण की नींद सोए हुए हैं यह बात लौहपुरुष कहलाये जाने वाले दिवंगत सत्येन्द्र चंद्र गुड़िया की सुपुत्री डाॅ. दीपिका गुड़िया आत्रेय ने कहीं उन्होंने क्षेत्रीय विधायक पर तंज कसते हुए कहा कि काशीपुर के विकास के लिए वर्षों से कुंडली जमाये बैठे बिधायक को कुर्सी से उतारना पड़ेगा। और यह कार्य जनता आगामी चुनाव 2022 में कर दिखाएगी
भाजपा विधायक एवं नगर निगम की मेयर पर हमला बोलते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी उत्तराखंड की सदस्य दीपिका गुड़िया ने कहा कि सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों के विचारों में एक रूपता न होने से काशीपुर के विकास की सही रूपरेखा तैयार नहीं हो पा रही है। कभी खासतौर पर विकास के लिए पहचाने जाने वाले काशीपुर का विकास पटरी से उतर गया है । यदि इस विकास को नई दिशा देकर पटरी पर लाना है तो आम जनता को काशीपुर क्षेत्र में वर्षों से कुंडली जमाए बैठे जनप्रतिनिधियों को कुर्सी से उतारना होगा और विकास को समर्पित कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों को यह कुर्सी सौंपनी होगी तभी काशीपुर में विकास की नई इबारत एक बार फिर से लिखी जा सकेगी अन्यथा आने वाले तमाम वर्षों में भी काशीपुरवासी विकास की बाट जोहते रहेंगे। डाॅ. दीपिका गुड़िया आत्रेय ने कहा कि पिछले पंद्रह-बीस वर्षों से काशीपुर विधानसभा क्षेत्र और तकरीबन इतने ही समय से काशीपुर निकाय क्षेत्र (अब नगर निगम) की हालत बद से बदतर हो गई है । विकास के नाम पर इन वर्षों में ऐसा कोई कार्य नहीं हुआ जिसे सत्ताधारी जनप्रतिनिधि अपनी उपलब्धियों में शुमार कर सकें। गुड़िया ने कहा कि बाईपास निर्माण से काशीपुर में आरओबी की कोई आवश्यकता नहीं रह जाती, लेकिन सत्ता के मद में चूर कुछ लोगों ने आरओबी मंजूर कराकर काशीपुर को दो हिस्सों में विभक्त कर दिया। इसमें भी खास ये कि तीन वर्ष से यह निर्माणाधीन है ।
दीपिका गुड़िया ने कहा कि ऐसे ही हालात निगम क्षेत्र के हैं। सड़कों का बुरा हाल है। सफाई व सड़कों पर लाईट की व्यवस्था में भी कोई सुधार नहीं है । लक्ष्मीपुर माइनर आज तक कवर्ड नहीं हो सकी है। शहर में अतिक्रमण का जाल फैला है। बावजूद इसके हाउस टैक्स बढ़ाने के साथ ही तमाम तरह के टैक्स थोपकर जनता को नाहक परेशान किया जा रहा है।पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत पं. नारायण दत्त तिवारी एवं अपने पिता पूर्व सांसद दिवंगत सत्येन्द्र चन्द्र गुड़िया को याद करते डाॅ. दीपिका गुड़िया आत्रेय ने कहा कि कांग्रेस के अलावा किसी भी राजनीतिक दल के जनप्रतिनिधि में काशीपुर का विकास करने या करा पाने की ताकत व हिम्मत नहीं है। क्योंकि अन्य दलों के नेता एक साथ बैठते तो हैं लेकिन उनके विचारों में एकरूपता नहीं होती।
संपादक: काशी क्रांति- हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र
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