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केंद्र सरकार के द्वारा लागू किए गए कृषि अध्यादेश को काला कानून बताते हुए। वापस लेने की मांग पर पिछले 12 दिनों से दिल्ली में अड़े किसानों के द्वारा आज भारत बंद के मद्देनजर बंद का काशीपुर तथा आसपास के क्षेत्र में पूरी तरह से असर रहा।

बता दें कि किसानों के द्वारा आज भारत बंद के मद्देनजर उत्तराखंड तथा आसपास के क्षेत्र में किसानों के भारत बंद को लेकर व्यापारी संगठनों के साथ-साथ अन्य राजनैतिक एवं सामाजिक संगठनों ने किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने की बात करते हुए भारत बंद को समर्थन दे दिया । भारत बंद के मद्देनजर काशीपुर में सुबह से ही किसान नेताओं के नेतृत्व में किसानों और व्यापारी नेताओं के द्वारा बंद को सफल बनाने के प्रयास स्वरूप बाजारों में घूम घूम कर स्थानीय व्यापारियों से अपने प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील की गई।

इसके बाद सभी किसान टांडा चौराहे पर एकत्र हुए। और जाम लगा दिया। इस दौरान किसानों केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। तथा किसान नेताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। केंद्र सरकार के द्वारा पारित तीनों कृषि अध्यादेश वापस लेने की मांग पर किसान जमकर आड़े रहे। और साफ तौर पर कहा कि किसी भी हालत में सरकार को यह तीनों कृषि कानून अध्यादेश वापस लेने होंगे। तो वही कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने नगर निगम के सामने मेन मार्केट मैं धरने पर बैठे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए। बनाए गए तीनों विलो को अति शीघ्र केंद्र सरकार से निरस्त करने की मांग की।

उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान महानगर कांग्रेस अध्यक्ष संदीप सहगल ने कहां की केंद्र सरकार ने जो कृषि विधेयक बिल बनाए हैं। वह किसान विरोधी हैं। सरकार ने किसानों की रायशुमारी किए बिना ही वह तीनों बिल पास किए हैं। जो कि एक काला कानून है। उन्होंने सरकार से तीनों कृषि बिलों को निरस्त करने की मांग की है। तो वही प्रदेश कांग्रेस सचिव अरुण चौहान ने भी केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए किसानों के लिए काला कानून बनाया है। जो कि किसान विरोधी है। और संपूर्ण देश में किसान आज भारत बंदी का आह्वान किए हुए हैं। जिसको लेकर कांग्रेस द्वारा भी समर्थन किया जा रहा है। और कांग्रेश कृषि विधेयक बिल का पुरजोर विरोध कर रही है। तो वही पीसीसी सदस्य मुक्ता सिंह ने भी केंद्र की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने एमएसपी न्यूनतम समर्थन मूल्य जो सरकार तय किया करती थी।

और जो किसानों के लिए बैंक का काम करती थी। सरकार ने उसे समाप्त कर दिया है। सरकार ने किसान विरोधी बिल बनाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ है। और वह कानून का विरोध कर रहे हैं। तो उधर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मंसूर अली मंसूरी ने भी केंद्र की भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए जो किसान विरोधी तीन बिल बनाए हैं। उन्हें सरकार वापस ले उन्होंने कहा कि संपूर्ण देश में किसान रोड ऊपर निकल कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार को अपना रवैया बदलते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। इस मौके पर वरिष्ठ कांग्रेसी संजय चतुर्वेदी मोहित चौधरी रोशनी बेगम अफसर अली प्रदेश कांग्रेस सचिव अरुण चौहान अलका पाल सुभाष पाल जितेंद्र सरस्वती जफर मुन्ना मुशर्रफ हुसैन मुक्ता सिंह राशि फारूकी शशांक सिंह मनसूर अली मंसूरी गीता चौहान चेतन अरोरा इलियास माही कीर महेंद्र बेदी अब्दुल कादिर अर्पित मेहरोत्रा किसान हरजीत सिंह मंगल सिंह मनदीप सिंह गुरजीत सिंह हरदीप सिंह अजब सिंह नागर संजीव आनंद समेत सैकड़ों किसान और कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद रहे

By Ali Akbar

संपादक: काशी क्रांति- हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र

मुख्य कार्यालय– इस्लामनगर, बसई चौक, थाना कुंडा, काशीपुर, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड 244713 सम्पर्क सूत्र– 99279 76675

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