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रिपोर्ट अली अकबर
काशीपुर। किसानों को मुफ्त कानूनी मदद देने के लिए बार एसोसिएशन ने 12 वकीलों के पैनल की घोषणा की है। किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं, यह पैनल उनके मुकदमें मुफ्त में लड़ेगे।बता दें कि केंद्र सरकार के द्वारा पारित 3 कृषि कानूनों के विरोध में बीते दिनों दिल्ली के लिए कूच कर रहे किसानों पर बाजपुर में पुलिस के द्वारा दर्ज किए गए मुकदमा को लेकर काशीपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष इंदर सिंह ने काशीपुर मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि इस प्रेस वार्ता का आयोजन वह व्यक्तिगत तौर पर कर रहे हैं।
किसी राजनीतिक पार्टी या बार एसोसिएशन के अन्य पदाधिकारियों से इसका सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि वह स्वयं किसान हैं, वकालत के साथ-साथ वह खेती किसानी भी करते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा पहले भी जमीदारी विनाश एवं भूमि सुधार अधिनियम लेकर आई थी उस दौरान किसानों से उनकी जमीन छीनकर सिर्फ साढे 12 एकड़ जमीन एक किसान को दी गई थी।उन्होंने कहा कि पूंजीवाद विनाश अधिनियम और आर्थिक सुधार कानून भी लाया जाना था, लेकिन पूंजीपतियों को मदद देने के लिए भाजपा वह कानून लेकर नहीं आई। जिस कारण पूंजीपति अमीर के अमीर ही बने रहे, लेकिन किसान गरीब हो गए।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जो कानून किसानों पर थोपने की कोशिश कर रही है। वह सभी कानून किसानों के खिलाफ हैं। इन दिनों सबसे ज्यादा पूंजी भाजपाइयों के पास ही है।भाजपा कहती है कि एमएसपी थी, है और रहेगी। जबकि उनका कहना है कि एमएसपी ना थी ना है और ना ही इस कानून के आने के बाद किसानों को मिलेगी।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पास किये गए तीनों कानून किसान विरोधी हैं। सरकार कोई भी कानून पास करने से पहले पूंजीपतियों की राय लेती है। किसानों को लेकर कानून बनाने से पहले किसानों की राय ली जानी चाहिए थी।उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया। केवल 25 फीसद अमीर को भाजपा सरकार फायदा पहुंचा रही है। जबकि 75 फीसद गरीबों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गरीबों को और गरीब बना रहे हैं। किसानों को डर है कि उनकी खेती चली जाएगी इसलिए वह प्रदर्शन और आंदोलन कर रहे हैं उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार इतनी जिद्दी है कि वह सुनने को तैयार नहीं। 1 माह बीतने के बाद भी किसानों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। यही हरकत सरकार को ले डूबेगी। भाजपा समानता की बात करती है, लेकिन आर्थिक समानता को भूल जाती है। उन्होंने कहा कि भाजपा पूंजीपतियों से फंड लेती है। पूंजीपति भाजपा को चुनाव लड़ाते हैं और पूंजीपतियों को ही फायदा पहुंचाया जाता है। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि किसानों के खिलाफ जो फर्जी केस दर्ज हुए हैं उनमें वह स्वयं मुफ्त कानूनी सहायता किसानों को देंगे। साथ ही एडवोकेट अब्दुल सलीम, संदीप सहगल, शैलेंद्र मिश्रा, उमेश जोशी, भूदेव, रहमत अली, अवतार सिंह, सुंदर पाल, राकेश आदि कुल 12 अधिवक्ताओं का पैनल मुफ्त में किसानों की अदालत में पैरवी करेंगे। किसानों को न्याय दिलाने के लिए बिना कोई फीस किसानों के मुकदमे न्यायालय से लड़ने का कार्य करेंगे
संपादक: काशी क्रांति- हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र
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