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ब्यूरो काशी क्रांति
काशीपुर। 19 अक्टूबर 2021 आज 12 रबी उल अव्वल है रबी उल अव्वल माह की 12 तारीख को आप हुजूर सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम की पैदाइश हुई थी आज ही के दिन आप दुनिया में तशरीफ लाए थे उन्हीं की पैदाइश की खुशी में दुनिया भर के लोग जुलूसए मोहम्मदी निकाल कर खुशियां मनाते हैं नियाज और नजर करते हैं बता दें कि आज माह रबी उल अव्वल की चांद की 12 तारीख है।
आज ही के दिन मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैदा हुए थे। उन्हीं की पैदाइश की खुशी में इस्लाम के चाहने वाले जश्ने ईद मिलादुन्नबी मनाते हैं। बता दें कि 2 वर्षों से करोना वायरस के चलते जश्ने ईद मिलादुन्नबी सरकार की गाइड लाइन के अनुसार मनाई जाती है। इस बार भी सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही ग्रामीण जश्ने ईद मिलादुन्नबी मना रहे हैं। बता दें कि ग्राम इस्लामनगर बसई में आज जश्ने ईद मिलादुन्नबी पर जुलूसए मोहम्मदी निकाला गया। जुलूस के दौरान पुलिस प्रशासन ने भी काफी देखभाल की। यूट्रीक्स फाउंडेशन चौक पर पुलिस ने यातायात की स्थिति बहुत अच्छे से संभाली।
जिसमें ग्रामीणों ने शामिल होकर धूमधाम से नबी मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम की आमद में खुशियों से झूम झूम कर दुरुद ओ सलाम भेजें और नाते पाक गुनगुनायी। इसके अलावा ग्रामीणों ने लड्डू जर्दा जलेबी आदि मिठाइयों व फलो पर नियाज नजर कर बच्चों और बड़ों में तक्सीम की और देश मैं अमन और शांति खुशहाली के लिए बीमारी के खात्मे के लिए अल्लाह से दुआ की।
इस मौके पर मस्जिद ए आमना के इमाम मुस्लिम साहब ने बताया कि आज रबी उल अव्वल महीने की चांद की 12 तारीख है आज ही के दिन प्यारे आका मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम की पैदाइश हुई थी उन्हें की आमद की खुशी में जश्ने ईद मिलादुन्नबी हर वर्ष मनाया जाता है। इस त्योहार पर लोग नियाज नजर करते हैं। दरूद ओ सलाम भेजते हैं और देश में अमन और शांति बनी रहे बीमारियों के खात्मे के लिए अल्लाह से दुआ की जाती है। और अल्लाह सभी दुआएं आज के दिन कुबूल फरमाता है।
उन्होंने यह भी बताया कि प्यारे आका मोहम्मद मुस्तफा सल्ला वसल्लम के दुनिया में आने से पहले दुनिया के लोग बहुत बुराइयों के रास्ते पर थे। पहले लोग के घर अगर बेटी पैदा होती थी तो उस छोटी बच्चियों को जिंदा कब्र में दफन कर दिया करते थे। यही नहीं इसके अलावा अगर किसी औरत का पति की मौत हो जाती थी तो उसकी पत्नी को भी उसके साथ जिंदा जला दिया करते थे। उन्होंने बताया कि जब प्यारे आका मोहम्मद मुस्तफा सल्ला वसल्लम दुनिया में आए उसके बाद उन्होंने दुनिया में फैली बुराइयों को रोकने के लिए आवाम को पैगाम दिया। लोगों से कहा कि तुम जिन बच्चों को जिंदा कब्र में दफन कर देते हो इन बच्चियों से तो दुनिया आगे बढ़ेगी।
दुनिया में औरतें ना होंगी तो दुनिया आगे कैसे बढ़ेगी। इन्हीं औरतों से तो नवी पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी जिन महिलाओं के पति की मौत हो जाती थी। तो पत्नी को भी पति के साथ जिंदा जला दिया करते थे। इन कुरीतियों पर प्यारे नबी ने लोगों को संदेश दिया कि ऐसा ना करें ऐसा करने से अल्लाह बहुत नाराज होता है। उन्होंने यह संदेश पूरी दुनिया को दिया। इसके अलावा उन्होंने अमन और शांति का पैगाम फैलाया।
उन्होंने कहा कि प्यारे नबी का कहना था कि बुराई का तोड़ भलाई से करो, गुस्से को पी जाने वाले बनो और माफ कर देने वाले बनो, अच्छे कामों में जल्दी करने वाले और आगे बढ़ने वाले बनो, माता पिता के साथ अच्छा व्यवहार करो, भलाई करके एहसान ना करो और दिखावे से बचो,कयामत के दिन आमाल नामा सबके सामने होगा जिसमें हर छोटी बड़ी बात लिखी होगी, उन्होंने कहा कि दुनिया में अच्छे कार्य करो जिससे कि लोग पहचाने कि यह इस्लाम का चाहने वाला है।
संपादक: काशी क्रांति- हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र
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