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बरेली /इज्जत नगर। 11 नवंबर 2021 चार बहनों के इकलौते भाई ने भी महिला उत्पीड़न से तंग आकर अपना लिंग परिवर्तन करा कर महिला बन गया है। अब वह पांच बहने हो गई हैं आपको सुनने में अजीब लग रहा होगा परंतु यह कोई काल्पनिक नहीं है बल्कि एक हकीकत और वास्तविक जीवन पर आधारित घटना है। जिसमें एक शादीशुदा व्यक्ति जिसकी पत्नी ने चंद दिनों में ही उससे रिश्ता तोड़ कर उसके साथ रहने को इनकार कर रिश्ता तोड़ कर चली गई थी। तभी से उसने अपने मन में ठान लिया था कि अब वह पुरुष नहीं बल्कि महिला ही बनेगा क्योंकि अधिकतर पुरुष महिलाओं से ज्यादा उत्पीड़न सहते है। बता दूं कि यह मामला बरेली का है जहां पर रेलवे इंजीनियर ने राजेश पांडे जो की इज्जत नगर मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में तकनीकी ग्रेड 1 पद पर तैनात है। ने लिंग परिवर्तन करा लिया है। राजेश पांडे ने वर्ष 2012 में हिंदू रीति रिवाज के अनुसार विवाह किया था। विवाह के पश्चात दोनों पति-पत्नी मात्र छह माही साथ रह पाए थे जिसके बाद दोनों कि 2 साल के अंदर तलाक हो गया था। बता दें कि
9 साल पहले शादी कर दुल्हन घर लाने वाले रेलवे इंजीनियर राजेश पांडेय अब सोनिया बनकर दूल्हे के साथ ब्याह रचाने की तैयारी में हैं. राजेश ने सोनिया बनने के लिए 4 साल पहले लंबी सर्जरी कराई. जेंडर बदलने के बाद अब नई पहचान पाने के लिए रेलवे में भी लंबी लड़ाई लड़ी. अब नए साल पर वो अपने नए जीवन की शुरुआत करने को लेकर उत्साहित हैं. उन्होंने कहा कि राजेश नाम और उससे जुड़ी हर पहचान से अब वो निजात पा चुके हैं। सोनिया इज्जतनगर मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में तकनीकी ग्रेड वन पद पर तैनता है. पिता की मौत के बाद अनुकंपा के तहत 19 मार्च 2003 को राजेश रेलवे में भर्ती हुआ. परिवार में चार बहने और मां हैं. साल 2017 लिंग परिवर्तन कराकर महिला बन गया और अपना नाम सोनिया रखा. पुरुष कर्मचारी के महिला बनने का रेलवे के इतिहास में ये पहला मामला है.
रेलवे बोर्ड के निर्देश के बाद राजेश पांडे को मिली नई पहचान नया नाम मिला सोनिया
इज्जतनगर के मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में तकनीकी ग्रेड-एक के पद पर तैनात राजेश पांडेय का एक अनोखा मामला सामने आया था. लिंग परिवर्तन कराने के बाद उसने अफसरों से गुहार लगाई थी. उसे रेलने के रिकार्ड में महिला दर्ज किया जाए. अनोखा और दुर्लभ मामला होने के कारण इज्जतनगर मंडल ने पूर्वोत्तर रेलने के महाप्रबंधक कार्यालय से दिशा-निर्देश मांगा. महाप्रबंधक ने ये मामला रेलवे बोर्ड को भेजा. आखिरकार रेलवे बोर्ड के निर्देश पर राजेश के पास और मेडिकल कार्ड पर लिंग महिला दर्ज कर दिया गया। मुख्य कारखाना प्रशासन ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर जेंडर डिस्फोरिया यानी एक लिंग से दूसरे लिंग की चाह के तहत महिला की पहचान दी है. जेंडर डिस्फोरिया में अक्सर देखा गया है कि कुछ लोगों ने स्त्री देह में पुरुष मन या परुष देह में स्त्र मन होता है. ये हार्मोन के बदलाव का नतीजा है.
राजेश पांडे को पिता की मौत के बाद मिली थी नौकरी
सोनिया ने बताया कि पिता की मौत के बाद मृतक आश्रित कोटे के तहत उसे 2003 में बरेली के वर्कशॉप में नौकरी मिली थी. उन्हें हमेशा से महिलाओं जैसा अहसास होता था. लगता था कि वो स्त्री हैं. उन्हें महिलाओं की तरह श्रृंगार करना पसंद था। घर वालों ने राजेश की 2012 की में बड़ी धूमधाम से शादी की थी. छह महीने तक पति-पत्नी जरूर साथ रहे. लेकिन कभी करीब नहीं आ सके. सोनिया ने बताया कि ये रिश्ता महता दो साल तक ही चल पाया फिर पत्नी ने तलाक ले लिया. सोनिया ने बाताया कि तलाक लेने के बाद उन्होंने दिल्ली के एक निजी अस्पताल में सर्जरी कराकर जेंडर बदल लिया था. उसके बाद से वो महिला के रूप में मान्यता के लिए जद्दोजहद कर रही थी.
संपादक: काशी क्रांति- हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र
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