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स्पेशल रिपोर्ट । गुजरात के आंनद से

हौसले बुलंद हो तो मंजिलें आसान हो जाती हैं जब इंसान कुछ करने की सोच ले  तो कोई काम इंसान से बड़ा नहीं है आसमान छूने की तमन्ना रखने वाले लोग   एक ना एक दिन आसमान छू ही लेते हैं यह मिसाल गुजरात के आनंद निवासी  एक गरीब परिवार के बेटे पर सटीक बैठती है। यह कहानी उस गरीब परिवार की है जिसके घर में दो वक्त के खाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी और आज वह फिल्म  दुनिया में सितारों की तरह चमक रहा है गुजरात के आंनद निवासी तम्मा भाई सलाट के पुत्र की है जिन्होंने कड़े संघर्स के बाद आसमान में सितारों को छूने का कार्य किया है जो आज के दौर में बड़ी बात है आइये हम आपको आज  उनकी जीवनी के बारे में कुछ रहस्यमय बाते बतायेगे

जिनके बारे में आप नही जानते फिल्मी दुनिया मे काम करने की तमन्ना रखने वाले गुलाब सलाट का जन्म  20 सितंबर 1984 को गुजरात के आनंद में हुआ । गुलाब स्लाट के पिता तम्मा भाई सलाट मेहनत मजदूरी कर  अपना तथा अपने परिवार का पालन पोषण करते थे दिन रात मेहनत मजदूरी करने के बावजूद भी वह अपने घर की चारदीवारी तक नहीं करा पाए थे परंतु उनकी सोच थी कि वह अपने पुत्र गुलाब सलाट को अच्छी शिक्षा

दिलाएंगे गरीबी से गुजर रहे परिवार को दो वक्त के खाने के लिए भी लाले पड़े हुए थे उनके घर की दुर्दशा भी अच्छी नहीं थी उनके घर में ना तो बिजली ही थी  ओर ना ही घर की चारदीवारी बस कुछ था तो उनका हौसला सिर्फ चारपाई की तंबू में अपना जीवन गुजारा था फिर भी हिम्मत नहीं हारे गुलाब के पिताजी ने अपने पुत्र गुलाब सलाट का  आनंद के एक पब्लिक  मांटेसरी स्कूल में  एडमिशन करा दिया  जिससे कि उनके पुत्र को  अच्छी शिक्षा मिल सके । पढ़ाई के दौरान ही जब गुलाब की उम्र 8 साल की  हुई तब से गुलाब को फिल्मों में काम करने का जूनून लगा गुलाब ने मन में ठान लिया की फिल्मों में काम करने के लिए उन्हें काफी संघर्ष और प्रैक्टिस करनी पड़ेगी जिससे की आसानी से फिल्मी दुनिया में एंट्री हो सके ।  इसी दौरान गुलाब के पिता तम्मा भाई ने गुलाब का एक मार्शल आर्ट कराटे एकेडमी में एडमिशन करा दिया गुलाब पढ़ाई भी करते रहे और जूडो कराटो की प्रैक्टिस भी करते रहे और समय के साथ साथ मेहनत से वह कराटे मार्शल आर्ट वाड़ो काई मैं ब्लैक बेल्ट गुलाब ने हासिल की । कराटे के साथ-साथ वह बाग बगीचों में जाकर अपने डांस की और बॉडी स्टंट की भी  ट्रेनिंग करते थे बिना मास्टर के डांस परफॉर्मेंस मजबूत किया ।

इसी दौरान उनके पिता ने उन्हें एक डांस एकेडमी में एडमिशन करवा दिया । लेकिन गुलाब के पिता पैसा कमाते  गए और बेटे गुलाब को किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी गुलाब के पिता का कहना था कि  चाहे उन्हें कुछ भी करना पड़े  परंतु वह अपने पुत्र को फिल्म सुपरस्टार बना कर ही रहेंगे समाज की परवाह किए बिना ही वह लक्ष्य पर डटे रहे और उन्होंने गुलाब को जिम्नास्टिक स्टंट और ब्रेक डांस की ट्रेनिंग के लिए घर से रवाना कर दिया एक साल की ट्रेनिंग लेकर वह वापस  अपने घर आनंद लौट आए गुलाब ने समाज को और जिले को अपना करतब कर दिखाया और गुलाब के पिता को ऐसा लगा कि अब  वह गुलाब  को मुंबई  लेकर जाएंगे फिल्म प्रोड्यूसर से या डायरेक्टर से मिलवा ना पड़ेगा तभी  गुलाब को बॉलीवुड में चांस मिल पाएगा फिल्म के काम के लिए गुलाब के पिता ने गुलाब को आनंद जिले से लेकर मुंबई रवाना हुए और मुम्बई में उन्हें  एक फ्रॉड डायरेक्टर मिला गया  जिसने उनसे 15000 हजार रुपए की ठगी कर ली और फरार हो  गया

 फ़्रॉड डायरेक्टर ने गुलाब के पिता से कहा कि आपके बेटे के अंदर  हुनर छुपा हुआ है वह बॉलीवुड में चल सकता है उसी तरह उनके पिता सेठ ठगी कर फरार हो गया  ठगी का शिकार होने के बाद काम तो कुछ नहीं मिला फिर भी गुलाब  तथा उनके पिता  हिम्मत नहीं हारे मुंबई छोड़कर आनंद वापस लौट आए  कुछ समय बाद गुलाब के पिता की मृत्यु हो गई  पिता की मौत के बाद गुलाब बिल्कुल  टूट गया 
गुलाब को लगा कि अब उसके सपने पूरे नहीं हो पाएंगे सब कुछ खत्म होना सा लगा परिवार की पूरी जिम्मेदारी अब गुलाब के सर पर थी  अब देखना यह है था कि किस्मत कहां ले जाती है पूरा परिवार गरीबी से बुरी तरह गुजर रहा था माँ  सोनी वैन तथा दो बहन दो भाई की परवरिश की जिम्मेदारी उनके ऊपर थी गुलाब आठवीं कक्षा तक पढ़ाई करके  पिता की मृत्यु के बाद गुलाब को पढ़ाई छोड़नी पड़ी घर में कमाने वाला कोई नहीं था कराटे क्लासेस चलाकर कुछ पैसा जमा करता था घर चलाने के लिए कुछ छोटे-मोटे डांस के परफॉर्मेंस दिखा कर लोगों का दिल बहला कर परिवार का पालन पोषण कर रहा था परंतु उसका प्रयास लगातार जारी रहा गुलाब को ऐसा लगा कि फिल्म मैं  स्टंट के डायरेक्टर से मिलना बहुत जरूरी है कभी यहां से वहां कभी मुंबई कभी बेंगलुरु कभी आंध्रप्रदेश तो कभी चेन्नई तो कभी कलकत्ता और कभी दिल्ली उनकी ऑफिस में जा जाकर मिलता था फिल्म डायरेक्टर वादा करते थे लेकिन लेकिन काम कोई नहीं देता था मुंबई में बहुत जगह  ऑडिशन दिए लेकिन पैसा मांग रहे थे फिल्म में काम करने के लिए और मेरे पास इतना बजट नहीं था फिल्म डायरेक्टर का कहना यह है कि आपके पास पैसा है तो ही फिल्म इंडस्ट्री में आप काम कर सकते हो वरना गेट आउट ऐसी बहुत सी जगह पर जा

जाकर गुलाब परेशान हो गया फिर देखो नसीब ऐसा खुला की गुजरात के अंदर बॉलीवुड की सीरियल में काम मिल गया जो कलर्स चैनल पर प्रसारित होती थी जय जय जग जननी दुर्गा मां और उसके बाद सहारा वन पर प्रसारित होने वाली सीरियल बॉलीवुड की जय जय बजरंगबली छोटे बड़े रोल मिले और फिर देखो सीधे 11 गुजराती मूवी में काम मिलने लगा छोटे बड़े रोल किए स्टंट के शाही विलन के बतौर हीरो के बगैर फिर भी हिम्मत नहीं हारा काम करते ही गया काम कैसा भी हो लेकिन करना बहुत जरूरी है कभी ना कभी तो नसीब  चमकेगा  ही उसके बाद दो बॉलीवुड की फिल्म सुल्तान प्रोडक्शन नंबर 3 के द्वारा काम मिला उसके बाद फिर 2 भोजपुरी मूवी में ऐसे फिल्म्स मैं काम करते करते 17 मूवीस में काम मिल गया कुछ एल्बम्स में कुछ शॉर्ट फिल्म में फिल्मों में काम मिलता ही गया काम मिला जरूर लेकिन ऐसा बहुत कम मिलता था फिर भी काम किया गुलाब का यह कहना है भले फिल्म में पैसा कम मिले या ना मिले लेकिन काम करना बहुत ही जरूरी है काम होगा तो मेरे पापा की तम्मा भाई की उम्मीद पूरी हो पाएगी गुलाब ने फिल्मों में काम करने के लिए दिन रात एक कर दिया अभी तो सिर्फ ट्रेलर दिखाया है मूवी दिखाना तो अभी बाकी है और बहुत ही जल्द आप लोगों के समक्ष आप लोगों के स्टेट तक पहुंचेगा आनंद का यह गुलाब बहुत ही जल्द काफी फिल्मों में काम करने वाला हूं मैं और मेरा यह टैलेंट पूरे वर्ल्ड में फेमस होगा जय हिंद जय भारत वंदे मातरम

By Ali Akbar

संपादक: काशी क्रांति- हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र

मुख्य कार्यालय– इस्लामनगर, बसई चौक, थाना कुंडा, काशीपुर, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड 244713 सम्पर्क सूत्र– 99279 76675

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