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काशीपुर। 6 नवंबर 2023 स्वामित्व योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले ग्रामीणों को उत्तराखंड सरकार ने बरसों से सरकारी भूमि पर निवास करने वाले ग्रामीण को स्वामित्व योजना से ग्रामीण परिवारों को अपना घर अपनी जमीन का जहा अधिकार मिला तो वहीं कुछ ग्राम पंचायत में ऐसी हैं जिनमें ग्राम सभाओं की जमीनों पर निवास करने वाले ग्रामीणों को स्वामित्व योजना का लाभ नहीं मिल सका है और लोग इस योजना से वंचित रह गए हैं।
बता दे कि स्वामित्व योजना पूर्व की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री तिवेंद्र सिंह रावत के द्वारा लागू की गई थी जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम सभाओं की भूमि पर निवास करने वाले ग्रामीणों का तहसील स्तर पर सर्वे करते हुए सरकार के द्वारा ग्रामीणों की जमीन की खतोनिया जारी कर स्वामित्व का अधिकार दिया इस योजना से जहां लाखों लोग लाभान्वित हुए तो वहीं अभी भी ऐसी अनेकों ग्राम पंचायतें हैं जिनमें लोग ग्राम सभाओं की जमीनों पर निवास कर रहे हैं। और उन्हें स्वामित्व योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। अब इसे तहसील प्रशासन की लापरवाही कहेंगे या हल्का पटवारी की अनदेखी जिसकी वजह से ग्राम सभा की जमीन पर रहने वाले ग्रामीणों को स्वामित्व योजना का लाभ मिलने से वंचित रह गए। बता दे की काशीपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत बरखेड़ा पांडे में ग्राम सभा की भूमि पर रहने वाले लगभग 50% ग्रामीणों को स्वामित्व योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। जबकि सरकार की नीति थी कि प्रत्येक व्यक्ति को स्वामित्व योजना का लाभ मिलना चाहिए परंतु तहसील प्रशासन की इसे लापरवाही कहेंगे या पटवारी की अनदेखी जिससे ग्रामीणों को स्वामित्व योजना का लाभ नहीं मिल सका। ग्राम प्रधान दिनेश कुमार ने बताया कि हल्का पटवारी के द्वारा सर्वे किया गया था सर्वे में उन्होंने 50% परिवारों को स्वामित्व योजना का लाभ नहीं दिया। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा काफी प्रयास किया गया परंतु उनकी किसी ने नहीं सुनी और आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा स्वामित्व योजना से वंचित रह गया। अब सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों पटवारीयो ने लापरवाही बरती ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम सभाओं की भूमि पर निवास करते हुए भी ग्रामीणों को स्वामित्व का अधिकार नहीं मिल पाया और हजारों लोग सरकार की इस योजना से वंचित रह गए। इस संबंध में जब तहसीलदार पंकज चंदोला से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि स्वामित्व योजना सरकार का एक प्रोग्राम था जिसके अंतर्गत उत्तराखंड प्रदेश के सभी तहसील स्तरों पर ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले ग्रामीणों को जो ग्राम सभाओं की भूमियों पर निवास कर रहे थे उन्हें स्वामित्व का अधिकार तहसील स्तर पर पटवारी के द्वारा सर्वे करा कर स्वामित्व कार्ड दिए गए। उन्होंने कहा कि यह सरकार की योजना इस समय बंद है सरकार के द्वारा अगर प्रोग्राम दोबारा से चालू किया गया तो आवश्यक ही ग्रामीण क्षेत्र में जो लोग सर्वे के द्वारा छूट गए हैं उनको स्वामित्व योजना से जोड़ने का प्रयास उनके द्वारा किया जाएगा। अब सवाल यह उठता है की क्या सरकार दोबारा स्वामित्व योजना का प्रोग्राम चालू करेगी या नहीं यह तो भविष्य के गर्भ में है परंतु हल्का पटवारी की लापरवाही के कारण हजारों लोग स्वामित्व योजना से वंचित रह गए।
संपादक: काशी क्रांति- हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र
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